Sonwalkar

सम्पूर्ण काव्य-संग्रह

मन की पीढ़ा

लोगों ने तो प्यार लुटायाझोली भर – भरमेरे मन की सीमाएँ हीछोटी पड़ गई ।बचपन में दिखलाया थाध्रुव तारा मन मेंआसपास की चीजों पर हीदृष्टि पड़ गईजीवन की संध्या मेंअब …

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शतरंज का खेल

बुनियादी भूलआज भी वहीं हो रही है ।फाईलों के सहारेसम्पूर्ण क्रांन्ति हो रही है ।ऊपर से नीचे तकवैसी ही परम्परा है रिश्वत कीसिफारिश पलड़ासबसे भारी है ।सबसे बड़ी योग्यतानेता से …

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