मन की पीढ़ा
लोगों ने तो प्यार लुटायाझोली भर – भरमेरे मन की सीमाएँ हीछोटी पड़ गई ।बचपन में दिखलाया थाध्रुव तारा मन मेंआसपास की चीजों पर हीदृष्टि पड़ गईजीवन की संध्या मेंअब …
लोगों ने तो प्यार लुटायाझोली भर – भरमेरे मन की सीमाएँ हीछोटी पड़ गई ।बचपन में दिखलाया थाध्रुव तारा मन मेंआसपास की चीजों पर हीदृष्टि पड़ गईजीवन की संध्या मेंअब …
बुनियादी भूलआज भी वहीं हो रही है ।फाईलों के सहारेसम्पूर्ण क्रांन्ति हो रही है ।ऊपर से नीचे तकवैसी ही परम्परा है रिश्वत कीसिफारिश पलड़ासबसे भारी है ।सबसे बड़ी योग्यतानेता से …
अब सब जानते हैमुद्दा क्या है ?सीधा और साफलोगों को चाहिए इंसाफ ।यानि मेहनत को रोटीडिग्री को नौकरीबच्चों को भविष्य, बुढ़ों को छाँवचाहे शहर हो या गाँवतकलीफ सबकी वही हेै …
प्रेम ही कमजोरी हैप्रेम ही शक्ति है ।प्रेम ही पूजा हैप्रेम ही भक्ति है ।प्रेम से बंधे है सबप्रेम आसक्ति है ।सबसे जुड़ जाये तोप्रेम अनासक्ति है ।प्रेम के आकाश …
कोई संकल्प पूरा नहीं होता ।कितनी निष्ठा सेकरता हूँ प्रयोग अनुष्ठान का ।शब्द, फूल, प्रेमदीप, भावगंधजुटाता हूँ सरंजामपूजा के सामान का ।पर जाने कब हो जाता हैप्रमाद अनजानेसिद्धि का चक्रपूरा …