प्रेम
प्रेम ही कमजोरी हैप्रेम ही शक्ति है ।प्रेम ही पूजा हैप्रेम ही भक्ति है ।प्रेम से बंधे है सबप्रेम आसक्ति है ।सबसे जुड़ जाये तोप्रेम अनासक्ति है ।प्रेम के आकाश …
प्रेम ही कमजोरी हैप्रेम ही शक्ति है ।प्रेम ही पूजा हैप्रेम ही भक्ति है ।प्रेम से बंधे है सबप्रेम आसक्ति है ।सबसे जुड़ जाये तोप्रेम अनासक्ति है ।प्रेम के आकाश …
कोई संकल्प पूरा नहीं होता ।कितनी निष्ठा सेकरता हूँ प्रयोग अनुष्ठान का ।शब्द, फूल, प्रेमदीप, भावगंधजुटाता हूँ सरंजामपूजा के सामान का ।पर जाने कब हो जाता हैप्रमाद अनजानेसिद्धि का चक्रपूरा …
क्यों बार-बार चाहता है मनकि मर जाऊँमर कर देखु,मेरे बाद क्या करती है प्रेयसी ?क्या करते है सहधर्मी?क्या करता है समाज?क्या करते है यार दोस्त?प्रियतमा आठों पहर रोती है(फिर भी …
तुम्हारे स्मरण मात्र सेकैसे सहज होते जाते हैसब कामजैसे तुलसी के लिएहर क्षण उपस्थित रहते है श्री रामहजारों उलझनों के बीच भीनिकल आती है । कोई राहघने अँधियारे में भीबरस पड़ता …
अहम्परोपजीवी है ।प्रशंसा की खाद मिलती हैतभी जीवित रहता हैफिर यह बनने लगती हैएक आदतएक व्यसन ।ये खुराक न मिलेतो मुरझाने लगता हैव्यक्तित्व का पोैधाऔर हम दोष देने लगते हैकभी आबो …