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सम्पूर्ण काव्य-संग्रह

गाँधी : एक युग-मुद्रा

गाँधी एक युग की अभिव्यक्तिजिसे उस युग के हिंसक सपने कैद नहीं कर सके,और इतिहास के आईने मेंजिसके सर्वस्व समर्पण का प्रतिबिम्बदेखती रहेंगी आनेवाली पीढ़ियाँ(ऐसा व्यक्तित्व)गाँधी एक हिम-शैलध्रुव-प्रदेश से बर्फ …

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ये कविताएँ

जी, ये कविताएँकुछ अजीब ही हैं।ये पुरानों का दंभ हीचूर नहीं करतीं,नयों का नक़लीपन भीउभाडती हैं। ये कविताएँदरअसलउस ‘दिनकर’ की हैंजो हर शामपुराना डूबता हैलेकिन हर सुबहनया उगता हैं। पद्धर्मजबकल के …

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