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शीशे और पत्थर का गणित

परिवेश और प्रभाव

अपनी धरतीअपना परिवेश छोड़करकहाँ जायेंगे हम।जड़े तो भीतर तकगहरी धँसी हैइस माटी में। लेकिन पौधें को उगने के लिएचाहिए जलवह तो आयेगा बादलों सेबादलजो – दूर दूर के देशों से आते …

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सुविधा

वेसभी विधाओं में लिख चुकेकविता से शुरू करकेनाटक तक;सभी धंधे कर चुकेप्रोफेसरी से लेकरपत्रकारिता तक। वे सभी कौतुक कर चुकेदाढ़ी रखने से लेकररंगीन बुश्शर्ट तक। वेहर उम्र की प्रेमिकाएँआजमा चुकेप्रोढ़ …

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कोशिश सिर्फ ये

छोटी छोटी बातों परमुझसेघंटो नाराजबैठा रहता हैमेरा बेटा। मुझसे उसकी नाराज़गी सेकतई एतराज़ नहींमेरी कोशिशसिर्फ ये हैकि वहबड़े मुद्दों परनाराज़ होना सीखें। उसके जीवन मेंभले हीपग-पग परयुद्ध होमगर,उसकी आत्मा मेंबुद्ध …

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एक बार फिर

फिरबजी नेताजी का भाषण परचमचों की तालीफिरहोने लगी शब्द बे-असरअर्थ से ख़ाली। फिरबिचौलिए देने लगेमूँछों पर ताव-फिरआसमान छूने लगेंजरुरी चीजों के भाव। फिरशक्ति-प्रदर्शन के लिएहोने लगी रैलियाँफिररिश्वत के लिएखुलने लगीं …

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