Sonwalkar

शीशे और पत्थर का गणित

अनकहा दर्द

अभिव्यक्ति के माध्यम अनेक हैशब्दों  की शक्ति भी अनन्त हैपर कथ्य जो कीमती है –वह तो अनकहा रह गया। सागर में नावें अनेक हैगोताखोरों का साहस भी असीम हैपर मोती …

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आत्मीय स्पर्श

बड़ों के पाँव छूने का रिवाज़इसलिए अच्छा हैकि उनके पैरों का छाले देखकरऔर बिवाईयाँ छुकरतुम जान सकोंकि जिंदगी उनकी भीकठिन थीऔरकैसे कैसे संघर्षों में चलते रहें हैं वें। बदलें मेंवे …

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तटस्थता

मोहल्ले में लग रही है आगऔर हमआनंद मना  रहे हैंबाल्टियाँ लेकरदौड़ पड़ने के बजायबहस के –दलदल बना रहे हैं। यूँ बेफिक्र हैं हमकि जैसे इन सर्वनाशी लपटों सेकेवल हम बच रहेंगेऔर …

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पिंजरें से प्रतिबद्ध

पिंजरे का द्वारखुला हुआ हैंफिर भी वहउसी में बैठा है आश्वस्तपिंजरे कीरंगीन सलाखों पर आश्वस्त! आसमान की नीलिमायाधरती की हरियालीदोनों ही उसेनिरर्थक लगते हैं चुनौतियों कीतेज़ किरणों से भीउसके पंखों …

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एक नया कर्मकांड

एक नया कर्मकांडजनम ले रहा हैं!अभी तो शुरू हुई थीमूर्ति-भजन की प्रक्रियाफिर खड़े होने लगे बुतगाँव-गाँव! गली-गली!फिर वहीं हवा चलीअर्चन – वंदन जय – जयकार की। औपचारिकताएँघेरने लगीं जीवन कोआडम्बर …

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