Sonwalkar

सम्पूर्ण काव्य-संग्रह

दुख की मार

बड़ी बुरी मार है दुख की ।हर बारयादें बुला देता है सुख की ।जाने कहाँ से आकरहमें दबोच लेता है ।कितनी ही कोशिश करोउसका शिंकजा नही छुटताकसता ही जाता हैजब …

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मन की पीढ़ा

लोगों ने तो प्यार लुटायाझोली भर – भरमेरे मन की सीमाएँ हीछोटी पड़ गई ।बचपन में दिखलाया थाध्रुव तारा मन मेंआसपास की चीजों पर हीदृष्टि पड़ गईजीवन की संध्या मेंअब …

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