Sonwalkar

सम्पूर्ण काव्य-संग्रह

तुम्हारे स्मरण

तुम्हारे स्मरण मात्र सेकैसे सहज होते जाते हैसब कामजैसे तुलसी के लिएहर क्षण उपस्थित रहते है श्री रामहजारों उलझनों के बीच भीनिकल आती है । कोई राहघने अँधियारे में भीबरस पड़ता …

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व्यसन

अहम्परोपजीवी है ।प्रशंसा की खाद मिलती हैतभी जीवित रहता हैफिर यह बनने लगती हैएक आदतएक व्यसन ।ये खुराक न मिलेतो मुरझाने लगता हैव्यक्तित्व का पोैधाऔर हम दोष देने लगते हैकभी आबो …

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जनावतार कृष्ण

जनावतारतुम्हारी लीलासचमुच अपरम्पार हैकारागार में जन्मेऔर मतपेटी कोसुदर्षन चक्र की तरह प्रयोग करआतताईयो कीअत्याचारी गर्दन उडा दीहम तो समझ बैठै थेकि तुम एकदम पाषाण होन तुममे करुणा है, न क्रोधऔर …

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नया साल

मुड़कर पीछे देखने की भीफुरसत नहींदो घड़ी दम लेने की भीइजाजत नहीं ।कितनी अजीब हैये जिदंगी की कशमकशकि इसकी रफ्तार के सामनेसभी है बेबस ।दोैड़ना/थकान/बचना /रूकनाफिर चल पड़नागिरना /उठना/उठकर भागते रहनाफिर …

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कस्बे की कृतज्ञता

देखते देखतेसात साल बीत गये जावना मेंमालवा के एक कस्बे मेंवक्त नेउम्र के कीमती सात साल छीन लिएलेकिन दे गया बदले मेंतुजुर्बा एहसासों की बेषकीमती दौलतकैसे के वरदान मिलेपिछले दिनोमाॅ …

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