सुर ही नही सूर्य भी बदलना है
भीड़-भरे चौराहे परतू गाता रहयहाँ के सात सुरों मेंन बँधने वाला गीत।तुझे उनकी तरहसाज-बाज की जरूरत ही क्या है ?अच्छा ही कियाजो तूने गीत का ‘स्थायी’ बदल दियामगर यह घबराहट …
भीड़-भरे चौराहे परतू गाता रहयहाँ के सात सुरों मेंन बँधने वाला गीत।तुझे उनकी तरहसाज-बाज की जरूरत ही क्या है ?अच्छा ही कियाजो तूने गीत का ‘स्थायी’ बदल दियामगर यह घबराहट …
गाँधी एक युग की अभिव्यक्तिजिसे उस युग के हिंसक सपने कैद नहीं कर सके,और इतिहास के आईने मेंजिसके सर्वस्व समर्पण का प्रतिबिम्बदेखती रहेंगी आनेवाली पीढ़ियाँ(ऐसा व्यक्तित्व)गाँधी एक हिम-शैलध्रुव-प्रदेश से बर्फ …