सार्थक
सार्थक मशाल की तरह जलकररास्ता नहीं दिखला सकतेन सही। अगरबत्ती की तरहमहक करसुगन्धित तो कर सकते होपरिवेश को।
सार्थक मशाल की तरह जलकररास्ता नहीं दिखला सकतेन सही। अगरबत्ती की तरहमहक करसुगन्धित तो कर सकते होपरिवेश को।
छोटी छोटी बातों परमुझसेघंटो नाराजबैठा रहता हैमेरा बेटा। मुझसे उसकी नाराज़गी सेकतई एतराज़ नहींमेरी कोशिशसिर्फ ये हैकि वहबड़े मुद्दों परनाराज़ होना सीखें। उसके जीवन मेंभले हीपग-पग परयुद्ध होमगर,उसकी आत्मा मेंबुद्ध …
फिरबजी नेताजी का भाषण परचमचों की तालीफिरहोने लगी शब्द बे-असरअर्थ से ख़ाली। फिरबिचौलिए देने लगेमूँछों पर ताव-फिरआसमान छूने लगेंजरुरी चीजों के भाव। फिरशक्ति-प्रदर्शन के लिएहोने लगी रैलियाँफिररिश्वत के लिएखुलने लगीं …
साधारण बातचीत में भीउसके चेहरे परतनाव बना रहता हैऔर माथे की शिरायेंअलग दिखाई देती है –उभरी हुई जैसे वो किसी बहस मेंभाग ले रहा होवह लगातार बोलता रहता है।(सहज बातों …
अगरखामोश हैं आप सबतो मैं ही बता दूँउनका परिचय – वेंकुल तीन हैंऔर उनका जमा जमायाएक ही कलर कासीक्वेंस हैं। जो बैठा हैसबसेऊँची कुर्सी परवो है सत्ता का ‘बादशाह’ उसके …