एक एबनार्मल रचनाकार
साधारण बातचीत में भीउसके चेहरे परतनाव बना रहता हैऔर माथे की शिरायेंअलग दिखाई देती है –उभरी हुई जैसे वो किसी बहस मेंभाग ले रहा होवह लगातार बोलता रहता है।(सहज बातों …
साधारण बातचीत में भीउसके चेहरे परतनाव बना रहता हैऔर माथे की शिरायेंअलग दिखाई देती है –उभरी हुई जैसे वो किसी बहस मेंभाग ले रहा होवह लगातार बोलता रहता है।(सहज बातों …
अगरखामोश हैं आप सबतो मैं ही बता दूँउनका परिचय – वेंकुल तीन हैंऔर उनका जमा जमायाएक ही कलर कासीक्वेंस हैं। जो बैठा हैसबसेऊँची कुर्सी परवो है सत्ता का ‘बादशाह’ उसके …
मोहल्ले में लग रही है आगऔर हमआनंद मना रहे हैंबाल्टियाँ लेकरदौड़ पड़ने के बजायबहस के –दलदल बना रहे हैं। यूँ बेफिक्र हैं हमकि जैसे इन सर्वनाशी लपटों सेकेवल हम बच रहेंगेऔर …
पिंजरे का द्वारखुला हुआ हैंफिर भी वहउसी में बैठा है आश्वस्तपिंजरे कीरंगीन सलाखों पर आश्वस्त! आसमान की नीलिमायाधरती की हरियालीदोनों ही उसेनिरर्थक लगते हैं चुनौतियों कीतेज़ किरणों से भीउसके पंखों …
एक नया कर्मकांडजनम ले रहा हैं!अभी तो शुरू हुई थीमूर्ति-भजन की प्रक्रियाफिर खड़े होने लगे बुतगाँव-गाँव! गली-गली!फिर वहीं हवा चलीअर्चन – वंदन जय – जयकार की। औपचारिकताएँघेरने लगीं जीवन कोआडम्बर …