वे
सभी विधाओं में लिख चुके
कविता से शुरू करके
नाटक तक;
सभी धंधे कर चुके
प्रोफेसरी से लेकर
पत्रकारिता तक।
वे सभी कौतुक कर चुके
दाढ़ी रखने से लेकर
रंगीन बुश्शर्ट तक।
वे
हर उम्र की प्रेमिकाएँ
आजमा चुके
प्रोढ़ नायिका से लेकर
फ़्लर्ट तक।
आखिर
उन्होंने चुनी
अंतिम विधा
यानि : सु-विधा।