बुनियादी भूल आज भी वहीं हो रही है । फाईलों के सहारे सम्पूर्ण क्रांन्ति हो रही है । ऊपर से नीचे तक वैसी ही परम्परा है रिश्वत की सिफारिश पलड़ा सबसे भारी है । सबसे बड़ी योग्यता नेता से रिश्तेदारी है । न आचरण है न मर्यादा वजीर हो या प्यादा तिरछा ही चलता है । मोहरे भर बदले है । तिकडम की शतरंज का खेल वही चलता है ।