नया-पुराना Leave a Comment / अन्य कविताएँ / By admin पुरानाअगर अपना “पुरानापन” पहचानता है,तो नया हो जाता हैनयायदि घिरा रहता है“नयेपन की सीमाओं में”तो वह पुराना ही रहता है।अपने कोसतत् जानते परखते रहनानयापन है।सीमाओं-रूढ़ियों में घिरकरजड़ हो जानापुरानापन है।