तटस्थता Leave a Comment / शीशे और पत्थर का गणित / By admin मोहल्ले में लग रही है आगऔर हमआनंद मना रहे हैंबाल्टियाँ लेकरदौड़ पड़ने के बजायबहस के –दलदल बना रहे हैं।यूँ बेफिक्र हैं हमकि जैसे इन सर्वनाशी लपटों सेकेवल हम बच रहेंगेऔर फिर रस ले लेकरइस अग्निकांड की कथा कहेंगे।लेकिन तब तकजलने लगेगा हमारा ड्रॉइंगरुम भीतब हम क्या करेंगेअपने निक्कमें शब्दऔरथोथे तर्क लिए मरेंगे।