परिवेश और प्रभाव
अपनी धरतीअपना परिवेश छोड़करकहाँ जायेंगे हम।जड़े तो भीतर तकगहरी धँसी हैइस माटी में। लेकिन पौधें को उगने के लिएचाहिए जलवह तो आयेगा बादलों सेबादलजो – दूर दूर के देशों से आते …
अपनी धरतीअपना परिवेश छोड़करकहाँ जायेंगे हम।जड़े तो भीतर तकगहरी धँसी हैइस माटी में। लेकिन पौधें को उगने के लिएचाहिए जलवह तो आयेगा बादलों सेबादलजो – दूर दूर के देशों से आते …