एक नया कर्मकांड

एक नया कर्मकांडजनम ले रहा हैं!अभी तो शुरू हुई थीमूर्ति-भजन की प्रक्रियाफिर खड़े होने लगे बुतगाँव-गाँव! गली-गली!फिर वहीं हवा चलीअर्चन – वंदन जय – जयकार की। औपचारिकताएँघेरने लगीं जीवन कोआडम्बर …

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