व्यवस्था को बदले बगैर
नही मिटेगा दुख व्यक्ति का
क्रांति के बिना
नही मिटेगा राज
शोषण की शक्ति का ।
मगर कौन सा होगा क्रांन्ति का माध्यम ?
बँदूक या बम ?
बारुद में धुॅऐ से तो
और भी धुॅधला
हो जायगा नीला आकाश
सुना भीतर कही छिपी है
एक धिमी/निष्काम /सरगम
आओ, उसकी सम्भावनाओं पर भी विचार करे हम ।