प्रेम Leave a Comment / अन्य 2, पीढ़ियों का दर्शक, सम्पूर्ण काव्य-संग्रह / By admin प्रेम ही कमजोरी हैप्रेम ही शक्ति है ।प्रेम ही पूजा हैप्रेम ही भक्ति है ।प्रेम से बंधे है सबप्रेम आसक्ति है ।सबसे जुड़ जाये तोप्रेम अनासक्ति है ।प्रेम के आकाश काप्रतिबिंब हर व्यक्ति है ।प्रेम ही एक मात्रनिष्पाप अभिव्यक्ति है ।