Sonwalkar

दुख की मार

बड़ी बुरी मार है दुख की ।
हर बार
यादें बुला देता है सुख की ।
जाने कहाँ से आकर
हमें दबोच लेता है ।
कितनी ही कोशिश करो
उसका शिंकजा नही छुटता
कसता ही जाता है
जब तक आंसुओं का पूरा हिसाब न कर ले
ये बेरहम
हमें रोते देखकर भी
हँसता जाता हेै ।

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