Sonwalkar

आसक्ति

अगले क्षण क्या होगा ?
हम जो आज बैठे है चेन से
मौज मस्ती में बेखबर
अपना हश्र क्या होगा ?
कोई नही जानता ।
अनागत भविष्य की
ऐसी अनिश्चित्ता का
यह रहस्य ही
जीवन से बाँधे है हमें ।
झाँक सके
नियति के अँधेरे में
नही है ऐसी कोई शक्ति
क्या इसीलिये कायम है
जीवन की आसक्ति ?

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